तुझ पे मेरा हक़ नही यह दिल नही जानता ,
युहिं तेरी गुस्ताखियों पर है रूठ जाता \,
कभी नाराज हो ये दिल,
समझ लेना नादान है ,
ये दिल....
और गहराई हमारे प्यार की,
रह नहीं पाऊँगी तुम बिन,
पर !
पता तो ये भी है की,
"तुम मेरे नही "
पता तो ये भी है की ,
मेरा "दिल"अब मेरा नही
ये दिल....!
to be contd...
Comments