सोचा था भूल जाऊंगी उसे एक दिन,
पर आज भी वह जिन्दा है कहीं नफरत बन कर।
जो कभी थे मेरे सांसो के राही,
दिल में ही जगह नहीं अब उनके लिए।
हर उस राह को अब है भूल जाना ,
जिस राह से वह गुजरे राही बन कर।
याद करके रोये थे जिसके लिए कभी,
अब याद ही नहीं !
की कभी मैं थी उनके संग।
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कशमश दिल की |
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