मैं



 सिर्फ़ मैं थी और मैं.
 और था तन्हियों का शोर,
 बेपनाह मोहब्बत थी

 और था बेवाफियों का शोर,

 सिर्फ़ मैं थी ओर मैं...

 दिल तिलमिलता हुआ,

 झुंझलता हुआ,

 ओर सिर्फ़ बेचारगी का शोर,

 दर्द मैं बिखरे हुए टूटे हुए दिल का शोर,

 सिर्फ़ मैं थी ओर मैं,

 खामोशी का शोर.

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