कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है,
पर जिसे पाने की चाहत नहीं,
उसे खोने पर दर्द क्यूँ होता है!
कुछ लोग अनजाने हो कर भी,
करीब होने का एहसास दिला जाते है,
जब वह एहसास टूटता है तो,
उस अनजाने के लिए दर्द क्यूँ होता है!
ख्वाब होते है टूट कर बिखरने के लिए,
पर जो ख्वाब देखा ही नहीं,
उसके टूटने पर दर्द क्यूँ होता है!
ये दिल का दर्द,
तन्हाई का दर्द साथ क्यू लता है,
सारे जहाँ के होते हुए भी,
सब 'तन्हा तन्हा' सा क्यूँ लगता है,
यह दर्द क्यों होता है,
किसी अनजाने के लिए!
@kavita ke dil se
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